कोरोनावायरस की बीमारी दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी और अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। देशभर में लॉकडाउन और सरकार की बढ़ती सख्ती के बीच कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। कई लोगों के मन में इस बीमारी को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह बीमारी क्या है, लक्षण कैसे पहचानें, कैसे इलाज करें, क्या इसका कोई घरेलू उपाय है, ऐसे सवालों के जवाब सभी जानना चाहते हैं। जवाबों की तलाश में सोशल मीडिया और वॉट्सएप आदि पर कई तरह की अफवाहें भी चल रही हैं। साथ ही इसे लेकर कई मिथक भी लोगों तक पहुंच रहे हैं। चूंकि कोविड-19 यानी नोवेल कोरोना वायरस आम लोगों के साथ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए भी नया है। इसलिए इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा और सटीक जानकारी ही फिलहाल बचाव का सबसे कारगर तरीका है। यहां कोरोना वायरस से जुड़े कुछ ऐसे सवाल दिए जा रहे हैं, जिनके जवाब सभी को जानना जरूरी हैं। इस मुश्किल दौर में ये जानकारियां जितने ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी, उतने जल्दी स्थिति को काबूू में किया जा सकेगा।
यह चीन के वुहान में मिला कोरोना वायरस का नया प्रकार है। अब तक वैज्ञानिक कोरोना वायरस के 6 प्रकार जानते थे, कोविड-19 सातवां प्रकार है। यह नया प्रकार है इसलिए इसका नाम नोवल कोरोना वायरस है। अभी इसके स्रोत की जानकारी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि यह पहले वुहान के मछली बाजार में कुछ जानवरों में आया और वहां से इंसानों में फैला।
यह संक्रमण ऊपरी सांस/शव्सन तंत्र को प्रभावित करता है। जैसे नाक, कान, गला, फेफड़े आदि। लक्षण और इसका असर बढ़ने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब कोई व्यक्ति छींकता है, खांसता है या जोर से बोलता है, तो भी यह वायरस फैल सकता है। इन स्थितियों में मुंह से निकलने वाले छींटे इस वायरस को फैला सकते हैं। यह वायरस कई तरह की वस्तुओं और सतहों पर रह जाता है, जिन्हें छूने पर यह फैल सकता है। हालांकि खाने की वस्तुओं से आमतौर पर कोरोना नहीं फैलता है।
यदि बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के अलावा कोरोना संक्रमित इलाके में जाते हैं, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो कोरोना होने की आशंका होती है।
इसके लक्षण तो किसी सामान्य खांसी-जुकाम और फ्लू जैसे ही हैं? फिर कोरोना वायरस की बीमारी इन सबसे अलग कैसे है?
कोविड-19 की घातकता 23% है। यह सार्स और मर्स की तुलना में कम जानलेवा है। इसमें 80% रोगियों में केवल हल्के लक्षण होते हैं और वे 2 हफ्ते में ठीक हो सकते हैं। इस वायरस को घातकता नहीं, संक्रामकता खतरनाक बनाती है। यानी इसके फैलने की गति बहुत ज्यादा है।
इसके लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी, थकान और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। कुछ मरीजों में दर्द, नाक जाम होना या बहना या डायरिया भी देखा जाता है। लेकिन इस के लक्षण 2 से 14 दिन में दिखते हैं। संक्रमण होने से संकेत और लक्षण दिखने तक के समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं।
कोविड-19 के लक्षण 2 से 14 दिनों में उत्पन्न होते हैं। ऐसे में बुखार, जुकाम, सर्दी, गले में खराश से घबराएं नहीं। दिन में 2-3 बार भाप लेना चाहिए ताकि श्वसन तंत्र में रुकावट कम हो। पर्याप्त पानी पीना चाहिए और आराम करना चाहिए। नजदीकी अस्पताल में नियमित जांच कराते रहें और डॉक्टर की बताई हुई दवाएं ही लें।
गंभीर लक्षण दिखने का इंतजार करना ठीक नहीं है। अगर सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार जैसा महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं और उनके कहने पर ही जांच करवाएं। यानी जल्द से जल्द पता करने की कोशिश करें कि कहीं कोरोना से संक्रमित तो नहीं हैं।
इसकी सामान्य सावधानियों में बार-बार हाथ धोना, सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना, चेहरे पर हाथ न लगाना शामिल है। सामान्य सुरक्षा के लिए कपड़े का मास्क पहन सकते हैं। खांसने या छींकने वाले व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। हाथ मिलाने से बचें। खुद भी खांसते या छींकते समय रुमाल का उपयोग करें। भीड़-भाड़ से बचें, घर पर ही रहें। बिना सोचे-समझे कोई मैसेज फॉर्वर्ड न करें, ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।